क्या हुआ जब बाबा रामेश्वरी को समाधि से निकाला गया। RAMESHWARI BABA KO JAB SAMADHI SE NIKALA GAYA.

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बाबा रामेश्वरी की समाधि 72 घंटे, 48 घंटे और 24 की होती है। इस बार उनके छोटे बच्चे होने के कारण समाधि का समय मात्र 24 घण्टे की रही।

ग्राम निनवा छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से मात्र 45 km की दूरी पर है।

बाबा रामेश्वरी हर साल दिसम्बर माह में समाधि लेती हैं।
उस दिन ग्राम निनवा में मेला जैसा माहौल होता है।

माना जाता है संत शिरोमणि गुरु घासीदास बाबा जी के प्रभाव से वह ऐसा कर पाती है।

गुरु घासीदास बाबा का जन्म बलौदाबाजार जिला (छत्तीसगढ़) के गिरौदपुरी में 18 दिसम्बर सन 1756 को बाबा मंहगू दास और माता अमरौतिन के घर हुआ था। उनकी पत्नी का नाम माता सफुरा था। उन्होंने "मनखे मनखे एक समान" का नारा दिया और लोगों को जीव हत्या तथा नशापान से दूर रहने का संदेश दिया।

गुरु घासीदास के अनुयायी दुनिया के सबसे फ़ास्ट नृत्य, पंथी-नृत्य करते हैं।

नोट:-ऐसे समाधि के हम समर्थक नही है, क्योकि थोड़ी भी गलती हुई तो मुश्किल में आ सकते हैं। पर बाबा रामेश्वरी जे श्रद्धा के आगे हम भी नतमस्तक हैं।

आपको बता दें बाबा रामेश्वरी अभी स्वस्थ है, मस्त हैं और अपने परिवार के साथ सुखी जीवन बिताते हुए लोगो को जीव हत्या से दूर रहने का संदेश और भक्ति का महत्व बताते हुए लोगो का सेवा कर रही हैं।

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